Wednesday, 13 January 2016

makarsankrati

💥👉🏿मकर संक्रांति पौष शुक्ल पंचमी गुरुवार तदनुसार 14/1/2016 की मध्य रात्रि 1.25 बजे मकर राशि में सूर्य का प्रवेश होगा । जिसका पूण्य काल 15 तारीख शुक्रवार को दिन भर मनाया जायेगा ।

💥👉🏿आईये आज आपको मकर संक्रांति से अवगत कराते है।

मकर संक्रान्ति हिन्दू संस्कृति का बहुत बड़ा पर्व है जिसे सूर्योपासना के रूप में पूरे भारत देश और पड़ोसी देश नेपाल में में मनाया जाता है। सूर्य , प्रत्यक्ष दृष्टि गोचर होने वाले एक मात्र देव और सृष्टि नियन्ता है । इसलिये प्रतिदिन सूर्यदेव की पूजा करके ऊर्जा प्राप्त करने का माहात्म्य पुराणों में वर्णित है।

💥👉🏿ज्योतिष शास्त्र के अनुसार -

संक्रांति का अर्थ होता है सूर्य देव का एक राशि से दूसरे राशि में संक्रमण।
यूँ तो संक्रांति हर माह में होता है लेकिन सूर्य देव का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के साथ ही अयन में भी परिवर्तन होता है।
अयन का अर्थ है गमन । यानि सूर्य देव का दक्षिण से उत्तर की और गमन करना उत्तरायण कहलाता है।

💥👉🏿इस दक्षिणायन से उत्तरायण की स्थिति को आम बोल चाल की भाषा में , दैत्यों के दिन व देवताओं की रात्रि से देवताओं का दिन व दैत्यों की रात्रि का आरम्भ भी माना जाता है।

इसलिये सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को ही मकर संक्रांति कहा जाता है।

💥👉🏿उत्तरायण काल को प्राचीन ऋषि-मुनियों ने जप तप व सिद्धि साधना के लिये महत्वपूर्ण समय माना है ।और मकर संक्रांति इस काल का प्रथम दिन है इसलिये इस दिन किया गया दान पुण्य अक्षय फलदायी होता है।

💥👉🏿हिन्दी कैलेंडर के पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। यह त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर के जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है क्योंकि इसी दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है।

💥👉🏿मकर संक्रान्ति के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति भी प्रारम्भ होती है। इसलिये इस पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं।

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